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मनभावन रंग बिरंगी होली लट्ठमार होलीpleasing colourful Holi lattmar holi

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 बरसाने की लट्ठमार होली  होली में रंग गुलाल अबीर पिचकारी से जमकर होली खेली जाती है। बरसाना में लट्ठमार होली खेली जाती है। जिसमें लड़कियों और महिलाओं के साथ लट्ठमार होली मनाई जाती है। कहते हैं बरसाना गांव में राधा जी का जन्म हुआ था। होली का त्यौहार हो और राधा रानी और भगवान कृष्ण की होली के वर्णन के बगैर होली का वर्णन पूरी नहीं होती है। बरसाना के राधा रानी मंदिर में होली की अनोखी परंपरा लठ्ठमार होली मनाई जाती है। मथुरा में श्री द्वारिकाधीश मंदिर में फूलों की होली खेली जाती है। फूलों से भगवान श्री कृष्ण राधा जी की सजावट की जाती है। और रंग-बिरंगे फूलों से होली खेली जाती है। लट्ठमार होली खेलने वाले पुरुषों को हुरियारे कहा जाता है महिलाओं को हुरियारन। श्री कृष्ण जी के नंद गांव के हुरियारे राधा रानी के गांव बरसाना में होली खेलने जाते हैं। किवदंती है कि भगवान श्रीकृष्ण अपने मित्रों के संग होली खेलने बरसाना जाते थे। राधा रानी और सखियों के संग होली खेलते थे। उसी परंपरा के तौर पर आज भी लट्ठमार होली खेली जाती हैं। महिलाएं बड़ी-बड़ी लट्ठ लेकर आती हैं और पुरुषों पर बरसाती है। पुरुष अपने आप ...

अवलोस उंडा चावल के लड्डू । making rice lddus avalose unda avalose podi

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 अवलोस उंडा चावल के लड्डू बनाना  चावल से बनने वाला चावल का लड्डू है। इसे हम पंजीरी और लड्डू के रूप में बना सकते हैं। अवलोस  उंडा बनाने के लिए अरवा चावल और उसना चावल दोनों का प्रयोग किया जाता है। चावल को 4 से 5 घंटे पानी में भिगोकर निथार लेते हैं। इसे मिक्सी में चला कर दरदरा पाउडर बना लेते हैं, और छानकर रखते हैं। अवलोस उंडा और अवलोस पोड़ी बनाने के लिए सामग्री अरवा चावल 1/2किलो, उसना चावल 1पाव, गुड 1/2 किलो,  नारियल किसा हुआ 1 कटोरी जीरा 1 चम्मच कुटी हुई, दोनों चावल को भीगा कर  निथार लेते हैं ।मिक्सी में पीसकर आटा बना लेंगे । आटा दरदरा होना चाहिए। केरल का नाश्ता पुट्टु कैसे बनाते हैं  धि    विधि एक भारी तली वाले बर्तन में चावल का आटा डालकर आंच पर रखकर गर्म करते हैं। हल्का भून जाने पर किसा हुआ नारियल मिलाते हैं। और धीमी आंच पर रखकर भूनते हैं।अच्छी तरह भूनने के बाद कूटा हुआ जीरा मिलाते हैं। कुछ देर और भूनकर सिंक जाने पर आंच से उतार लेते हैं। एक दूसरी पतीली में गुड आधा कटोरी पानी डालकर गर्म करते हैं। एक तार की चाशनी बनने पर आंच से उतार लेते हैं। अब भुन...

प्राकृतिक रंगों की होली

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 फाल्गुन महीने के आते ही सभी को होली के त्यौहार का इंतजार रहता है। लोग बाग होली के रंगों में डूब जाना चाहते हैं। बच्चे एक दूसरे के ऊपर रंग गुलाल लगाकर होली का आनंद लेते हैं, और घर परिवार में भी बड़े बुजुर्ग सभी एक दूसरे के ऊपर रंग लगाकर होली का त्यौहार मनाते हैं। एक दूसरे के ऊपर होली के रंगों को लगाते हैं।लोगों को रंगबिरंगा कर देते हैं। सभी रंगों में सराबोर हो जाते हैं।  प्राकृतिक रंगों से होली आजकल कई प्रकार के रसायनिक पदार्थों से होली के रंग तैयार किए जाते हैं। जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। ऐसे रसायनिक पदार्थों से त्वचा को नुकसान पहुंचता है। शरीर में जलन और  खुजली आदि के शिकायत हो सकती है । बिना  रंगों के होली का आनंद कैसे प्राप्त होगा। होली का त्योहार, रंगों का त्योहार है। बिना रंगों के होली खेली नहीं जा सकती। होली खेलने के लिए रसायनिक रंगों के इस्तेमाल के बजाय प्राकृतिक रंगों या हर्बल रंगों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। जिससे त्वचा को नुकसान होने का खतरा भी कम हो जाता है ,स्वास्थ्य खराब नहीं होता । आंखों में जलन, त्वचा में जलन, बालों का बदरंग हो जाना इत्य...

अप्पम पाल अप्पम कैसे बनाते हैं

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 अप्पम या पाल अप्पम केरल का एक पारंपरिक भोजन है। यह नाश्ते के रूप में खाया जाता है। यह  लोकप्रिय नाश्ता चावल से बनाया जाता है। इसे पिसे हुए चावल के घोल को खमीरी कृत करके बनाया जाता है। खमीर उठे हुए चावल  के घोल से यह अप्पम तैयार किया जाता है। इसे मसालेदार सब्जी के साथ खाया जा सकता है। यह बहुत ही नरमऔर  फुला फुला होता है, और जालीदार बनता है। अप्पम कैसे बनाया जाता है। आवश्यक सामग्री  चावल 2 कटोरी भिगोया हुआ, नारियल 1 कटोरी किसा हुआ, पानी आवश्यकतानुसार पीसने के लिए ,नमक स्वादानुसार, खाने का सोडा आधा चम्मच विधि चावल को 4 से 5 घंटे भिगो लिया जाता है, फिर इसे पीसकर दोसा के जैसे घोल बनाते हैं। घोल  गाढ़ा होना चाहिए। चावल पीसकर एक छोटी कटोरी घोल अलग बर्तन में निकालना चाहिए। यह घोल खमीर उठाने के लिए है। इसके बाद किसा हुआ नारियल डालकर मिश्रण को पुनः पीसते हैं।दोसा के घोल की तरह होना चाहिए।  बर्तन में अलग निकाले गए चावल के घोल को मध्यम आंच में रखकर उसमें 1से2 ग्लास पानी डालकर पका लेते हैं, पकाने पर चावल के घोल का रंग बदल जाता है। यह घोल चावल के नरम हलवा की तरह हो...

नारियल मसाला कप्पा टेपिओका कैसे बनाते हैं

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 नारियल मसाला के साथ कप्पा तैयार करने की विधि टैपिओका या कप्पा के छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा जाता है । इसे आलू की तरह नहीं काटना है ।चाकू से  यह आसानी से छोटे-छोटे टुकड़ों में उखड़ आता है।  इसे एक बर्तन में पानी में उबालने के लिए रख देते हैं। टुकड़ों के पक जाने पर पानी से निथार लिया जाता है।  सामग्री टैपिओका या कप्पा आधा किलो बघारने के लिए तेल 3 चम्मच  नारियलतेल या रिफाइंड तेल  सरसों1/2 चम्मच  कढ़ी पत्ता 5-6 सुखी लाल मिर्च दो से तीन  प्याज बारीक टुकड़ों में कटे हुए 1 मसाला पीसने के लिए- किसा हुआ नारियल एक कटोरी  हरी मिर्च 3  लहसुन 3 से 4 कली इसे  पीसकर मसाला बनाना है। हल्दी पाउडर 1 चम्मच  मिर्च पाउडर 1 चम्मच  नमक स्वाद अनुसार विधि एक कड़ाही में नारियल तेल या  रिफाइंड तेल गर्म करते हैं। तेल गर्म होने पर सरसों चटकने के लिए डालते हैं ,लाल मिर्च और कढी पत्ता, कटे हुए प्याज मिलाते हैं । सुनहरा भून जाने पर पिसे हुए नारियल के मसाला को मिलाते हैं । 5 मिनट भूनने के बाद उबले हुए टेपियोका के टुकड़ों को उसमें मिलाते हैं ।अच्छी तर...

टेपिओका या कप्पा का उपयोगTapioca use

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 टैपिओका या कसावा का उपयोग Tapioca use टैपिओका या कसावा,कप्पा का उपयोग केरल के पारंपरिक भोजन में बहुतायत से होता है । इसे अनाज के विकल्प के रूप में भी उपयोग किया जाता है ।अनाज की तरह ही इससे पोषण प्राप्त होता है। टेपिओका की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है । घरेलू और व्यापारिक दोनों ही उपयोग के लिए टैपिओका की खेती की जाती है । और इसका बहुत बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है।   टैपिओका का उपयोग कैसे करते हैं। नारियल मसाला कप्पा कैसे बनाते हैं टैपिओका या कप्पा को उपयोग करने के लिए, इसे जमीन से खोद कर निकाला जाता है। इसके कंद को खाने में उपयोग में लाया जाता है । इस कंद का छिलका निकाल लिया जाता है , छिलका निकालने के बाद इसे बड़े बड़े टुकड़ों में काट लेते हैं। बड़े भगोना में पानी में डालकर धो लिया जाता है।  धोने के बाद इसे एक बड़े बर्तन में पानी में डालकर उबाला जाता है । स्वादानुसार नमक डालते हैं । पकने  के बाद कंद थोड़ा फट जाता है। इससे कंद के पकने का पता चलता है । कंद को चावल की तरह ही पसाकर निकाल लिया जाता है और निथार लिया जाता है।  टेपिओका या कप्पा का पुट्टु कैसे ...

जीवन जीने का मंत्र--- प्रयास

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 प्रयास  प्रयास क्या हैॽ हमारे द्वारा किया जाने वाला यत्न है, या कोशिश है जो किसी कार्य की सफलता के लिए किया जाता है। कोई कार्य एक ही प्रयास में सफल हो जाए। ऐसा हमेशा नहीं होता है । कभी कार्य बहुत कठिन होता है, जिसके लिए भगीरथ प्रयत्न करना पड़ता है, पर क्या बिना प्रयत्न के हम किसी लक्ष्य को पा सकते हैं। ऐसा कदाचित नहीं  होता । बार बार किया गया प्रयास हमें लक्ष्य तक पहुंचाता है । बचपन में एक प्यासे कौवे की कहानी सभी ने पढी है। प्यासा कौवा जब घड़े में देखता है, तो उसे बहुत थोड़ा पानी दिखाई देता है। पर वह प्रयास करता है किस तरह वह अपनी प्यास बुझाए। इस कहानी में कोवे की बुद्धिमानी को जान पाते हैं। पर इसमें कौवा के द्वारा किया गया प्रयास भी शामिल है। क्योंकि कौवे  को चोंच से एक एक पत्थर उठाना है और उसे घड़े में ऊपर तक भरना है। अब मान लो कौवा यह सोच कर, कि पानी घड़े में नीचे तली में है मैं इसे कैसे पी सकता हूं। यह जानकर कौवा प्रयास नहीं करता तो अपनी प्यास नहीं बुझा पाता। कौवे ने  कोशिश में कोई कमी नहीं की। नतीजा घड़ा पत्थरों से भरने के बाद पानी ऊपर तक आ गया और कौवे ने...