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अप्पम पाल अप्पम कैसे बनाते हैं

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 अप्पम या पाल अप्पम केरल का एक पारंपरिक भोजन है। यह नाश्ते के रूप में खाया जाता है। यह  लोकप्रिय नाश्ता चावल से बनाया जाता है। इसे पिसे हुए चावल के घोल को खमीरी कृत करके बनाया जाता है। खमीर उठे हुए चावल  के घोल से यह अप्पम तैयार किया जाता है। इसे मसालेदार सब्जी के साथ खाया जा सकता है। यह बहुत ही नरमऔर  फुला फुला होता है, और जालीदार बनता है। अप्पम कैसे बनाया जाता है। आवश्यक सामग्री  चावल 2 कटोरी भिगोया हुआ, नारियल 1 कटोरी किसा हुआ, पानी आवश्यकतानुसार पीसने के लिए ,नमक स्वादानुसार, खाने का सोडा आधा चम्मच विधि चावल को 4 से 5 घंटे भिगो लिया जाता है, फिर इसे पीसकर दोसा के जैसे घोल बनाते हैं। घोल  गाढ़ा होना चाहिए। चावल पीसकर एक छोटी कटोरी घोल अलग बर्तन में निकालना चाहिए। यह घोल खमीर उठाने के लिए है। इसके बाद किसा हुआ नारियल डालकर मिश्रण को पुनः पीसते हैं।दोसा के घोल की तरह होना चाहिए।  बर्तन में अलग निकाले गए चावल के घोल को मध्यम आंच में रखकर उसमें 1से2 ग्लास पानी डालकर पका लेते हैं, पकाने पर चावल के घोल का रंग बदल जाता है। यह घोल चावल के नरम हलवा की तरह हो...

नारियल मसाला कप्पा टेपिओका कैसे बनाते हैं

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 नारियल मसाला के साथ कप्पा तैयार करने की विधि टैपिओका या कप्पा के छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा जाता है । इसे आलू की तरह नहीं काटना है ।चाकू से  यह आसानी से छोटे-छोटे टुकड़ों में उखड़ आता है।  इसे एक बर्तन में पानी में उबालने के लिए रख देते हैं। टुकड़ों के पक जाने पर पानी से निथार लिया जाता है।  सामग्री टैपिओका या कप्पा आधा किलो बघारने के लिए तेल 3 चम्मच  नारियलतेल या रिफाइंड तेल  सरसों1/2 चम्मच  कढ़ी पत्ता 5-6 सुखी लाल मिर्च दो से तीन  प्याज बारीक टुकड़ों में कटे हुए 1 मसाला पीसने के लिए- किसा हुआ नारियल एक कटोरी  हरी मिर्च 3  लहसुन 3 से 4 कली इसे  पीसकर मसाला बनाना है। हल्दी पाउडर 1 चम्मच  मिर्च पाउडर 1 चम्मच  नमक स्वाद अनुसार विधि एक कड़ाही में नारियल तेल या  रिफाइंड तेल गर्म करते हैं। तेल गर्म होने पर सरसों चटकने के लिए डालते हैं ,लाल मिर्च और कढी पत्ता, कटे हुए प्याज मिलाते हैं । सुनहरा भून जाने पर पिसे हुए नारियल के मसाला को मिलाते हैं । 5 मिनट भूनने के बाद उबले हुए टेपियोका के टुकड़ों को उसमें मिलाते हैं ।अच्छी तर...

टेपिओका या कप्पा का उपयोगTapioca use

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 टैपिओका या कसावा का उपयोग Tapioca use टैपिओका या कसावा,कप्पा का उपयोग केरल के पारंपरिक भोजन में बहुतायत से होता है । इसे अनाज के विकल्प के रूप में भी उपयोग किया जाता है ।अनाज की तरह ही इससे पोषण प्राप्त होता है। टेपिओका की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है । घरेलू और व्यापारिक दोनों ही उपयोग के लिए टैपिओका की खेती की जाती है । और इसका बहुत बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है।   टैपिओका का उपयोग कैसे करते हैं। नारियल मसाला कप्पा कैसे बनाते हैं टैपिओका या कप्पा को उपयोग करने के लिए, इसे जमीन से खोद कर निकाला जाता है। इसके कंद को खाने में उपयोग में लाया जाता है । इस कंद का छिलका निकाल लिया जाता है , छिलका निकालने के बाद इसे बड़े बड़े टुकड़ों में काट लेते हैं। बड़े भगोना में पानी में डालकर धो लिया जाता है।  धोने के बाद इसे एक बड़े बर्तन में पानी में डालकर उबाला जाता है । स्वादानुसार नमक डालते हैं । पकने  के बाद कंद थोड़ा फट जाता है। इससे कंद के पकने का पता चलता है । कंद को चावल की तरह ही पसाकर निकाल लिया जाता है और निथार लिया जाता है।  टेपिओका या कप्पा का पुट्टु कैसे ...

जीवन जीने का मंत्र--- प्रयास

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 प्रयास  प्रयास क्या हैॽ हमारे द्वारा किया जाने वाला यत्न है, या कोशिश है जो किसी कार्य की सफलता के लिए किया जाता है। कोई कार्य एक ही प्रयास में सफल हो जाए। ऐसा हमेशा नहीं होता है । कभी कार्य बहुत कठिन होता है, जिसके लिए भगीरथ प्रयत्न करना पड़ता है, पर क्या बिना प्रयत्न के हम किसी लक्ष्य को पा सकते हैं। ऐसा कदाचित नहीं  होता । बार बार किया गया प्रयास हमें लक्ष्य तक पहुंचाता है । बचपन में एक प्यासे कौवे की कहानी सभी ने पढी है। प्यासा कौवा जब घड़े में देखता है, तो उसे बहुत थोड़ा पानी दिखाई देता है। पर वह प्रयास करता है किस तरह वह अपनी प्यास बुझाए। इस कहानी में कोवे की बुद्धिमानी को जान पाते हैं। पर इसमें कौवा के द्वारा किया गया प्रयास भी शामिल है। क्योंकि कौवे  को चोंच से एक एक पत्थर उठाना है और उसे घड़े में ऊपर तक भरना है। अब मान लो कौवा यह सोच कर, कि पानी घड़े में नीचे तली में है मैं इसे कैसे पी सकता हूं। यह जानकर कौवा प्रयास नहीं करता तो अपनी प्यास नहीं बुझा पाता। कौवे ने  कोशिश में कोई कमी नहीं की। नतीजा घड़ा पत्थरों से भरने के बाद पानी ऊपर तक आ गया और कौवे ने...

टैपिओका या कप्पा का पुटटुTapioca puttu

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टेपिओका का पुुुटटु     टैपियोका जिसे मलयालम में कप्पा, चीनी कहा जाता है हिंदी में इसे सेमल कांदा भी कहते हैं क्योंकि इसकी पत्तियां सेमल के पत्तियों के तरह  दिखाई देती है।   टेपिओका ,कप्पाTapioca  एक कंद प्रजाति का पौधा है, जिसमें शकरकंद की तरह कंद पाए जाते हैं ।इस कंद को मलयालम में कप्पा कहते हैं। इस कांदे को टुकड़ों में काटकर धूप में सुखा लिया जाता है धूप में सुखाने से पहले कप्पा के छिलके निकाल दिया जाता हैं।  अच्छी तरह सूखने के बाद कप्पा को कूट कर पाउडर बना लिया जाता है। इस पाउडर को चावल के आटे की तरह से ही मिक्स किया जाता है। टैपिओका या कप्पा के पाउडर का पुटटु  कप्पा के पुटटु बनाने के लिए कप्पा का उपयोग चावल के आटे की तरह ही किया जाता है । सबसे पहले इस पाउडर को गुनगुने पानी से मिक्स किया जाता है ,चुटकी भर नमक  मिलाते हैं। मिश्रण तैयार होने के बाद पुटटु बर्तन में तली में पानी डालकर ऊपरी हिस्से में किसा हुआ नारियल डालते हैं ,मिश्रण को भर देते हैं उसके ऊपर पुनः किसा हुआ नारियल डालते हैं ।इस तरह से  बर्तन को भरकर ढक्कन लगा देते हैं औ...

गेहूं के आटे का नाश्ता पुटटु बनानाmaking wheat flour breakfast puttu

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 पुटटु किन-किन चीजों से बनाया जा सकता है गेहूं के आटे का नाश्ता पुटटुwheat flour breakfast puttu चावल के आटे के अलावा गेहूं के आटे का एवं टैपिओका या कसावा के आटे का भी पुटटु बनाया जा सकता है। गेहूं का आटा जो सामान्यतः रोटी बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है ,उसी आटे का पुटटु बनाया जाता है गेहूं के आटे का मिश्रण बनाना एक भगोना में एक गिलास  पानी गर्म करेंगे, पानी गुनगुना गर्म होने पर निकाल लेंगे।आटे का मिश्रण तैयार करने के लिए एक बर्तन में चुटकी भर नमक डालेंगे।उसमें आटा मिलाएंगे आटे को अच्छे से मिला लेंगे ।अब आटे में गुनगुना पानी छिड़क छिड़क कर हाथों से मिला लेंगे । धीरे धीरे पूरे आटे  को अच्छे से भिगो लेंगे। आटे का पेस्ट नहीं बनाना है आटा गुथना नहीं है । आटा अच्छी तरह भीग जाएगा, हाथ में लेने से मुट्ठी बंधे  इतना भिगोना है  अब उस आटे के मिश्रण में किसा हुआ नारियल भी मिला लेंगे पुटटु बनाना  पुटटु के बर्तन में पानी डालेंगे ,ऊपरी हिस्से वाले बर्तन में मिश्रण को डालेंगे। पहले किसा हुआ नारियल डालेंगे उसके ऊपर आटे का मिश्रण डालेंगे पुनः ऊपर किसा हुआ नारियल डालेंगे। ...

इडली कुकर में पुटटु कैसे बनाते हैं

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 पुटटु  केरल का एक सुबह का नाश्ता है ,और सर्वसाधारण द्वारा खाया जाता है । आमतौर पर पुटटु पुटटु बर्तन में बनाया जाता है, पर पुटटु बर्तन उपलब्ध ना हो तो क्या किया जाए। ऐसे में इडली कुकर में पुटटु बनाया जा सकता है इडली कुकर आमतौर पर इडली बनाने वाले घरों में उपलब्ध होता है इसमें पुटटु आसानी से बनाया जा सकता है। पुटटु का मिश्रण तैयार करने के बाद इडली बर्तन में इडली का एक सांचा रखें। उसके ऊपर एक साफ महीन कपड़ा बिछाए। कद्दूकस किया हुआ नारियल डालें पुट्टु का मिश्रण ऊपर डालें। कपड़े को मोड़ कर ढक दें। ऊपर से ढक्कन लगा दे। 10 मिनट भाप में पकाएं। इसके अलावा इडली बर्तन में इडली सांचे में पुट्टु बना सकते हैं। सांचे में कद्दूकस किए हुए नारियल की एक तह  डालकर उसमें पुटटु का मिश्रण को हल्के हाथों से डालते हैं ।  मिश्रणको सांचे में बराबर तक भरना है फिर ऊपर से कद्दूकस किए हुए नारियल को डालना है इस तरह पूरे इडली के सांचे को मिश्रण से भर देंगे। इडली कुकर में  पानी डालेंगे, पानी ज्यादा ऊपर तक नहीं भरना है ।  सांचे को बर्तन में रखेंगे ध्यान रहे पानी सांचे तक नहीं पहुंचे, कुकर को...

पुट्टु कैसे बनाते हैं।kerala traditional breakfast puttu

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 केरला नाश्ता पुट्टु  केरल में परंपरागत नाश्ता में पुट्टु और  अप्पम विशेष रुप से खाया जाता है । पुटटु विशेष रुप से तैयार किए गए नली नुमा पात्र में भाप में पकाया जाता है, इसमें 2 भाग होते हैं नीचे का पात्र एक छोटे घड़े के रूप में होता है जिसमें पानी डाला जाता है ।और ऊपरी हिस्से में नली के आकार का बर्तन होता है जिसे घड़े नुमा बर्तन के ऊपर रखा जाता है इस बर्तन में एक छिद्र वाला टुकड़ा होता है जो नली के खांचे में सटीक बैठता है इस बर्तन में कसे हुए नारियल को डाला जाता है ऊपर भिगाया गया चावल आटा का मिश्रण को डालते हैं आधा पात्र भरने पर उसमें  कसे हुए नारियल का लेयर डाला जाता है पुनः चावल के मिश्रण को डाला जाता है। इस तरह पात्र भरने पर ढक्कन लगाया जाता है , ताकि उसमें से भाप बाहर ना निकले और चावल का आटा पक जाए। जब चावल और नारियल की सोंधी सोंधी खुशबू हवा में तैरती है तो पुटटु पकने का पता चल जाता है।  सामग्री चावल का आटा 3 बड़े कटोरी पानी आवश्यकतानुसार नमक स्वादानुसार नारियल कद्दूकस किया हुआ 2कटोरी तैयार करने की विधि  --मिश्रण तैयार करने के लिए एक पात्र में पानी गर्...

परिस्थिति

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 परिस्थितियां हमेशा एक समान नहीं रहती है, लोगों के जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते हैं । कभी जीवन समान रूप से चलता रहता है ,कभी अचानक लगता है कि जीवन थम गया है ।इस समय क्या करें, कैसे इन परिस्थिति से बाहर निकले यह समझ नहीं पाते हैं। जब कोई मार्ग नहीं सूझता तब तिनके का सहारा काफी होता है, लोग  उस तिनके के सहारे से ही अपनी राह पा लेते हैं  बिना संघर्ष के कभी कोई चीज हासिल नहीं होती है सोना आग में तप कर कुंदन बनता है हमेशा दिन एक समान कभी नहीं रहते ,आज जीवन में कठिनाई का सामना करना पड रहा है, तो कल भविष्य बदल  सकता है कल जीवन सुखद हो सकता है । जब सब दरवाजे बंद हो जाते हैं तब कहीं ना कहीं एक राह खुल जाती है । कहते हैं जहां चाह वहां राह। परिस्थितियों से ना डरते हुए संघर्ष करते हुए अपनी मंजिल तक पहुंचा जा सकता है। परिस्थिति कभी अनुकूल कभी प्रतिकूल रहती है, पर उससे ना घबराते हुए प्रयास करते रहने से लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं इसलिए कभी परिस्थितियों से हार नहीं माननी चाहिए।